5 Easy Facts About shiv chalisa lyrics in gujarati Described
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठ
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठ